190+ Wasim Barelvi ke Chuninda Sher aur Shayari

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वसीम बरेलवी की लेटेस्ट एंड  सिलेक्टेड शायरी खास आपके लिए, इस पोस्ट मे आपको वसीम बरेलवी की दर्द भरी शायरी, २ लाइन शायरी , रोमांटिक शायरी मिलेगी, वसीम बरेलवी की आल टाइम फेवरेट शायरी मिलेगी, वसीम बरेलवी की यह चुनिंदा शायरियाँ आपको बहुत पसंद आएगी।   
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किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो तो,

ये रिश्ते निभाना किस क़दर आसान हो जाये...।

❤ 💕 ❤

छोटी-छोटी बातें करके बड़े कहाँ हो जाओगे,

पतली गलियों से निकलो तो खुली सड़क पर आओगे...।

❤ 💕 ❤

तुम्हारा प्यार तो सांसों में सांस लेता है,

जो होता नशा तो इक दिन उतर नहीं जाता...।

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

क्या बताऊँ,

कैसा ख़ुद को दरबदर मैंने किया,

उम्र -भर किस - किसके हिस्से का सफ़र मैंने किया,

तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ,

जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया...।

❤ 💕 ❤

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे,

कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे...।

❤ 💕 ❤

मोहब्बत के घरों के कच्चे-पन को ये कहाँ समझें,

इन आँखों को तो बस आता है बरसातें बड़ी करना...।

❤ 💕 ❤

तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,

मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता...।

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(nextPage)

💕

❤ Romantic Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

धूप के एक ही मौसम ने जिन्हें तोड़ दिया,

इतने नाज़ुक भी ये रिश्ते न बनाये होते...।

❤ 💕 ❤

कुछ तो कर आदाबे-महफ़िल का लिहाज़. यार,

ये पहलू बदलना छोड़ दे...।

❤ 💕 ❤

खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है,

मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है....।

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❤ Sad Bhari Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

क्या दुःख है समन्दर को बता भी नहीं सकता,

आंसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता. 

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इसमें तेरी क्या,

हर शख्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता...।

❤ 💕 ❤

यह सोच कर कोई अहदे-वफ़ा करो हमसे,

हम एक वादे पे उम्रें गुज़ार देते हैं...।

❤ 💕 ❤

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है,

समुंदरों ही के लहजे में बात करता है...।

❤ Wasim Barelvi ki Latest Shayari ❤

❤ 💕 ❤

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता,

तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता...।

❤ 💕 ❤

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है,

भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है...।

❤ 💕 ❤

न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है,

❤ 💕 ❤

इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है...।

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💕

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से,

मैं ए'तिबार न करता तो और क्या करता...।

❤ 💕 ❤

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये,

और मैं था कि सच बोलता रह गया...।

❤ 💕 ❤

रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे,

शमा से कहना के जलना छोड़ दे...।

❤ Wasim Barelvi ki Shayari ❤

❤ 💕 ❤

दूर से ही बस दरिया दरिया लगता है,

डूब के देखो कितना प्यासा लगता है...।

❤ 💕 ❤

चाहे जितना भी बिगड़ जाए ज़माने का चलन,

झूठ से हारते देखा नहीं सच्चाई को...।

❤ 💕 ❤

बहुत से ख़्वाब देखोगे तो आँखें,

तुम्हारा साथ देना छोड़ देंगी...।

❤ 💕 ❤

मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है,

कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते...।

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

आपको देख कर देखता रह गया,

क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया.

आते-आते मेरा नाम-सा रह गया,

उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया.

वो मेरे सामने ही गया और मैं,

रास्ते की तरह देखता रह गया.

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे,

ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया...।

❤ 💕 ❤

इन्हें तो ख़ाक में मिलना ही था कि मेरे थे,

ये अश्क कौन से ऊँचे घराने वाले थे...।

❤ 💕 ❤

हँसी जब आये, किसी बात पर ही आती है,

उदास होने का अक्सर सबब नहीं होता...।

❤ 💕 ❤

मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो?

कि इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है...।

❤ Wasim Barelvi ki Dilkash Shayari ❤

❤ 💕 ❤

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे?

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे?...।

❤ 💕 ❤

ग़म और होता सुन के गर आते न वो 

'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं...।

❤ 💕 ❤

कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को, 

वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता...।

❤ 💕 ❤

मुश्किलें तो हर सफ़र का हुस्न हैं, 

कैसे कोई राह चलना छोड़ दे? तुझसे उम्मीदे- वफ़ा बेकार है, 

कैसे इक मौसम बदलना छोड़ दे? 

मैं तो ये हिम्मत दिखा पाया नहीं तू ही मेरे साथ चलना छोड़ दे...।

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(nextPage)

💕

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं,

इतने समझौतों पे जीते हैं कि, मर जाते हैं...।

❤ 💕 ❤

तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है,

बड़े सौदे नज़र में हो तो, छोटा होना पड़ता है...।

❤ 💕 ❤

दूरी हुई ,

तो उनसे करीब और हम हुए,

ये कैसे फ़ासिले थे,

जो बढ़ने से कम हुए...।

❤ 💕 ❤

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,

ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है...।

❤ Wasim Barelvi ki dard Bari Shayari ❤

❤ 💕 ❤

कौन सी बात कहाँ कैसे कही जाती है,

ये सलीक़ा हो तो, हर बात सुनी जाती है...।

❤ 💕 ❤

हुस्न बाज़ार हुआ क्या कि हुनर ख़त्म हुआ,

आया पलको पे तो आँसू का सफ़र ख़त्म हुआ,

उम्र भर तुझसे बिछड़ने की कसक ही न गयी,

कौन कहता है की मुहब्बत का असर ख़त्म हुआ,

नयी कालोनी में बच्चों की ज़िदे ले तो गईं, 

बाप दादा का बनाया हुआ घर ख़त्म हुआ. 

जा, हमेशा को मुझे छोड़ के जाने वाले 

तुझ से हर लम्हा बिछड़ने का तो डर ख़त्म हुआ...।

❤ 💕 ❤

सभी रिश्ते गुलाबों की तरह ख़ुशबू नहीं देते, 

कुछ ऐसे भी तो होते हैं जो काँटे छोड़ जाते हैं...।

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ, 

हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है...।

❤ 💕 ❤

कभी लफ़्ज़ों से गद्दारी न करना, 

ग़ज़ल पढ़ना ,अदाकारी न करना. 

मेरे बच्चों के आंसू पोंछ देना

लिफ़ाफ़े का टिकट जारी न करना...।

❤ 💕 ❤

ग़रीब लहरों पे पहरे बिठाये जाते हैं,

समन्दरों की तलाशी कोई नहीं लेता...।

❤ Romantic Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में,

इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए...।

❤ 💕 ❤

तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं.

कि तू मिल भी अगर जाए तो, अब मिलने का ग़म होगा...।

❤ 💕 ❤

मुझे पढ़ता कोई तो कैसे पढ़ता,

मिरे चेहरे पे तुम लिक्खे हुए थे...।

❤ 💕 ❤

ज़हन में पानी के बादल अगर आये होते,

मैंने मिटटी के घरोंदे ना बनाये होते,

डूबते शहर मैं मिटटी का मकान गिरता ही

तुम ये सब सोच के मेरी तरफ आये होते, 

धूप के शहर में इक उम्र ना जलना पड़ता 

हम भी ए काश किसी पेड के साये होते, 

फल पडोसी के दरख्तों पे ना पकते तो 

"वसीम" मेरे आँगन में ये पत्थर भी ना आये होते...।

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❤ Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

कही-सुनी पे बहुत एतबार करने लगे, 

मेरे ही लोग मुझे संगसार करने लगे.

पुराने लोगों के दिल भी हैं ख़ुशबुओं की तरह ज़रा किसी से मिले, 

❤ 💕 ❤

नए ज़माने से आँखें नहीं मिला पाये तो लोग गुज़रे ज़माने से प्यार करने लगे.

कोई इशारा, दिलासा न कोई वादा मगर जब आई शाम तेरा इंतज़ार करने लगे. 

हमारी सादामिजाज़ी की दाद दे कि तुझे बगैर परखे तेरा एतबार करने लगे...।

❤ 💕 ❤

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है, 

जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है. 

नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये कहाँ से बच के चलना है 

कहाँ जाना ज़रूरी है. थके हारे परिन्दे जब बसेरे के लिये लौटें  

सलीक़ामन्द शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है. 

बहुत बेबाक आँखों में त'अल्लुक़ टिक नहीं पाता मुहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है. 

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है. 

मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो कि इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है ...।

❤ Wasim Barelvi ki 2 Line Shayari ❤

❤ 💕 ❤

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते,

इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते...।

❤ 💕 ❤

अपने हर इक लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा,

उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा...।

❤ 💕 ❤

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे 

❤ 💕 ❤

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा 

किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है 

भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   

❤ 💕 ❤

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता 

तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता   

❤ 💕 ❤

वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से 

मैं ए'तिबार न करता तो और क्या करता  

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(nextPage)

💕

❤ Romantic Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं 

कि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का ग़म होगा 

❤ 💕 ❤

रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी 

देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है 

❤ 💕 ❤

आते आते मिरा नाम सा रह गया 

उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया   

❤ 💕 ❤

वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए 

ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता 

❤ 💕 ❤

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों 

ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है  

❤ Dard Bhari Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ 

कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ 

❤ 💕 ❤

तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ 

हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है  

❤ 💕 ❤

फूल तो फूल हैं आँखों से घिरे रहते हैं 

काँटे बे-कार हिफ़ाज़त में लगे रहते हैं  

❤ 💕 ❤

मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है 

कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते 

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

वो दिन गए कि मोहब्बत थी जान की बाज़ी 

किसी से अब कोई बिछड़े तो मर नहीं जाता 

❤ 💕 ❤

मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सब को नहीं आता 

किसी को छोड़ना हो तो मुलाक़ातें बड़ी करना 

❤ 💕 ❤

शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं 

इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं 

❤ Wasim Barelvi ki Dard Bhari Shayari ❤

❤ 💕 ❤

उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में 

इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए 

❤ 💕 ❤

ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं 

तेरा होना भी नहीं और तिरा कहलाना भी 

❤ 💕 ❤

मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश 

ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी 

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल 

उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती 

❤ 💕 ❤

ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' 

अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं

❤ 💕 ❤

मैं ने चाहा है तुझे आम से इंसाँ की तरह 

तू मिरा ख़्वाब नहीं है जो बिखर जाएगा 

❤ 💕 ❤

झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए 

और मैं था कि सच बोलता रह गया 

❤ Dilkash Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है 

ये दुनिया है इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है 

❤ 💕 ❤

वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता 

मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता 

❤ 💕 ❤

शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं 

किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है 

❤ 💕 ❤

हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़ 

फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले 

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💕

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

बहुत से ख़्वाब देखोगे तो आँखें 

तुम्हारा साथ देना छोड़ देंगी 

❤ 💕 ❤

झूट के आगे पीछे दरिया चलते हैं 

सच बोला तो प्यासा मारा जाएगा 

❤ 💕 ❤

मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया 

उस को भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता   

❤ 💕 ❤

मैं जिन दिनों तिरे बारे में सोचता हूँ बहुत 

उन्हीं दिनों तो ये दुनिया समझ में आती है 

❤ Romantic Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

चराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर का 

हवा के पास कोई मस्लहत नहीं होती 

  

सभी रिश्ते गुलाबों की तरह ख़ुशबू नहीं देते 

कुछ ऐसे भी तो होते हैं जो काँटे छोड़ जाते हैं  

❤ 💕 ❤

कोई इशारा दिलासा न कोई व'अदा मगर 

जब आई शाम तिरा इंतिज़ार करने लगे 

❤ 💕 ❤

मुझे पढ़ता कोई तो कैसे पढ़ता 

मिरे चेहरे पे तुम लिक्खे हुए थे   

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

हम ये तो नहीं कहते कि हम तुझ से बड़े हैं 

लेकिन ये बहुत है कि तिरे साथ खड़े हैं 

❤ 💕 ❤

किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो 

तो ये रिश्ता निभाना किस क़दर आसान हो जाए  

❤ 💕 ❤

जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से 

कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो 

❤ Latest Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

वो पूछता था मिरी आँख भीगने का सबब 

मुझे बहाना बनाना भी तो नहीं आया 

❤ 💕 ❤

कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को 

वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता 

❤ 💕 ❤

तहरीर से वर्ना मिरी क्या हो नहीं सकता 

इक तू है जो लफ़्ज़ों में अदा हो नहीं सकता 

❤ Romantic Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

उन से कह दो मुझे ख़ामोश ही रहने दे 'वसीम' 

लब पे आएगी तो हर बात गिराँ गुज़रेगी 

❤ 💕 ❤

मैं उस को आँसुओं से लिख रहा हूँ 

कि मेरे ब'अद कोई पढ़ न पाए 

❤ 💕 ❤

कभी लफ़्ज़ों से ग़द्दारी न करना 

ग़ज़ल पढ़ना अदाकारी न करना  

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

किसी ने रख दिए ममता-भरे दो हाथ क्या सर पर 

मिरे अंदर कोई बच्चा बिलक कर रोने लगता है 

❤ 💕 ❤

इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू 

तिरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले 

❤ 💕 ❤

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है 

समुंदरों ही के लहजे में बात करता है 

❤ 💕 ❤

भरे मकाँ का भी अपना नशा है क्या जाने 

शराब-ख़ाने में रातें गुज़ारने वाला 

❤ Wasim Barelvi ki Shayari❤

❤ 💕 ❤

होंटों को रोज़ इक नए दरिया की आरज़ू 

ले जाएगी ये प्यास की आवारगी कहाँ 

❤ 💕 ❤

क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता 

आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता 

❤ 💕 ❤

तिरे ख़याल के हाथों कुछ ऐसा बिखरा हूँ 

कि जैसे बच्चा किताबें इधर उधर कर दे 

(nextPage)

💕

❤ Wasim Barelvi ki Dard Bhari Shayari ❤

❤ 💕 ❤

थके-हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें 

सलीक़ा-मंद शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है 

❤ 💕 ❤

आज पी लेने दे जी लेने दे मुझ को साक़ी 

कल मिरी रात ख़ुदा जाने कहाँ गुज़रेगी

❤ 💕 ❤

इन्हें तो ख़ाक में मिलना ही था कि मेरे थे 

ये अश्क कौन से ऊँचे घराने वाले थे 

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे 

कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे 

❤ 💕 ❤

मैं उस को पूज तो सकता हूँ छू नहीं सकता 

जो फ़ासलों की तरह मेरे साथ रहता है 

❤ 💕 ❤

ये किस मक़ाम पे लाई है मेरी तन्हाई 

कि मुझ से आज कोई बद-गुमाँ नहीं होता 

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❤ Wasim Barelvi ki Shayari ❤

❤ 💕 ❤

'वसीम' देखना मुड़ मुड़ के वो उसी की तरफ़ 

किसी को छोड़ के जाना भी तो नहीं आया 

❤ 💕 ❤

जिस्म की चाह लकीरों से अदा करता है 

ख़ाक समझेगा मुसव्विर तिरी अंगड़ाई को 

❤ 💕 ❤

सफ़र के साथ सफ़र के नए मसाइल थे 

घरों का ज़िक्र तो रस्ते में छूट जाता था 

❤ Dilkash Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

आज पी लेने दे साक़ी मुझे जी लेने दे 

कल मिरी रात ख़ुदा जाने कहाँ गुज़रेगी 

❤ 💕 ❤

मोहब्बत के घरों के कच्चे-पन को ये कहाँ समझें 

इन आँखों को तो बस आता है बरसातें बड़ी करना  

❤ 💕 ❤

तमाम दिन की तलब राह देखती होगी 

जो ख़ाली हाथ चले हो तो घर नहीं जाना 

❤ 💕 ❤

वो ग़म अता किया दिल-ए-दीवाना जल गया 

ऐसी भी क्या शराब कि पैमाना जल गया 

❤ Latest Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

लहू न हो तो क़लम तर्जुमाँ नहीं होता 

हमारे दौर में आँसू ज़बाँ नहीं होता   

❤ 💕 ❤

रख देता है ला ला के मुक़ाबिल नए सूरज 

वो मेरे चराग़ों से कहाँ बोल रहा है 

❤ 💕 ❤

मैं तो भोला-भाला 'वसीम' और वो फ़नकार सियासत का 

उस के जब घटने की बारी आई मुझ को जोड़ लिया

❤ 💕 ❤

'वसीम' ज़ेहन बनाते हैं तो वही अख़बार 

जो ले के एक भी अच्छी ख़बर नहीं आते   

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❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

मैं इस उमीद पे डूबा कि तू बचा लेगा 

अब इस के बा'द मिरा इम्तिहान क्या लेगा 

❤ 💕 ❤

आज फिर माँ मुझे मारेगी बहुत रोने पर

आज फिर गाँव में आया है खिलौने वाला

❤ 💕 ❤

उसको फ़ुर्सत नहीं मिलती कि पलट कर देखे

हम ही दीवाने हैं दीवाने बने रहते हैं

❤ Wasim Barelvi ki 2 Line Shayari ❤

❤ 💕 ❤

आँखों को मूंद लेने से खतरा ना जाएगा

वो देखना पड़ेगा जो देखा जा जाएगा

❤ 💕 ❤

ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा

वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा

❤ 💕 ❤

बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाह

जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है

❤ 💕 ❤

प्यार की रात हो छत पर हो तेरा साथ तो फ़िर

चाँद को बीच में डाला नहीं जाता मुझसे

(nextPage)

💕

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

ये गूँगों की महफ़िल है निकलना ही पड़ेगा

क्या इतनी ख़ता कम है कि हम बोल पड़े हैं

❤ 💕 ❤

निगाहों के तक़ाज़े चैन से मरने नहीं देते

यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं कि दिल भरने नहीं देते

❤ 💕 ❤

शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ

कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ

❤ 💕 ❤

दूरी हुई तो उनसे करीब और हम हुए

ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से कम हुए

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❤ Wasim Barelvi ki Famaous Shayari ❤

❤ 💕 ❤

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है

जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है

❤ 💕 ❤

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा

किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

❤ 💕 ❤

मिरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो

कि इस के बा'द भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है

❤ 💕 ❤

चिराग़ घर का हो, महफिल का हो कि मंदिर का

हवा के पास कोई मसलहत नहीं होती

❤ Famaous Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

आते आते मिरा नाम सा रह गया

उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया

❤ 💕 ❤

कहां की दोस्ती किन दोस्तों की बात करते हो

मियां कोई दुश्मन नहीं मिलता अब तो ठिकाने का

❤ 💕 ❤

मैं ने मुद्दत से कोई ख़्वाब नहीं देखा है

हाथ रख दे मेरी आँखों पे कि नींद आ जाए

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे

❤ 💕 ❤

हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें

ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें

❤ 💕 ❤

इस दौरे-मुंसिफी में जरूरी नहीं वसीम

जिस शख्स की खता हो उसी को सजा मिले

❤ 💕 ❤

गम बयां करने का कोई और ढंग ईजाद कर

तेरी आंखों का यह पानी तो पुराना हो गया

❤ Wasim Barelvi ki 2 line shayari ❤

❤ 💕 ❤

तुम अपने बारे में कुछ देर सोचना छोड़ो

तो मैं बताऊं कि तुम किस कदर अकेले हो

❤ 💕 ❤

कोई इशारा दिलासा न कोई वादा मगर

जब आई शाम तिरा इंतिज़ार करने लगे

❤ 💕 ❤

वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता

मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

तुझको सोचा तो पता हो गया रुसवाई को

मैंने महफूज़ समझ रखा था तन्हाई को

❤ 💕 ❤

दूर से ही बस दरिया दरिया लगता है

डूब के देखो कितना प्यासा लगता है

❤ 💕 ❤

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये,

और मैं था कि सच बोलता रह गया.

❤ 💕 ❤

वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीक़े से

मैं एतिबार न करता तो और क्या करता

(nextPage)

💕

❤ Dard Bhari Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है

ये दुनिया है,, इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है

❤ 💕 ❤

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है

भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है

❤ 💕 ❤

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता

तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता

❤ 💕 ❤

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है

समुंदरों ही के लहजे में बात करता है

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

यह सोच कर कोई अहदे-वफ़ा करो हमसे

हम एक वादे पे उम्रें गुज़ार देते हैं

❤ 💕 ❤

क्या दुःख है समन्दर को बता भी नहीं सकता

आंसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता

❤ 💕 ❤

खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है

मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है

❤ 💕 ❤

कुछ तो कर आदाबे-महफ़िल का लिहाज़

यार, ये पहलू बदलना छोड़ दे

❤ Wasim Barelvi ki Kavita ❤

❤ 💕 ❤

धूप के एक ही मौसम ने जिन्हें तोड़ दिया

इतने नाज़ुक भी ये रिश्ते न बनाये होते

❤ 💕 ❤

तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता

मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता

❤ 💕 ❤

मोहब्बत के घरों के कच्चे-पन को ये कहाँ समझें

इन आँखों को तो बस आता है बरसातें बड़ी करना

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

❤ 💕 ❤

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे,

कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे.

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क्या बताऊँ ,कैसा ख़ुद को दरबदर मैंने किया

उम्र -भर किस - किसके हिस्से का सफ़र मैंने किया

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तुम्हारा प्यार तो सांसों में सांस लेता है

जो होता नशा तो इक दिन उतर नहीं जाता

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छोटी-छोटी बातें करके बड़े कहाँ हो जाओगे

पतली गलियों से निकलो तो खुली सड़क पर आओगे

❤ Wasim Barelvi ki Shayari ❤

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किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो

तो ये रिश्ते निभाना किस क़दर आसान हो जाये

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खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है

मैं वो कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है

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तू समझता है कि रिश्तों कि दुहाई देंगे

अरे हम तो वो हैं तेरे चेहरे से दिखाई देंगे

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उसे ले कर जो गाड़ी जा चुकी है

मैं शायद उस के नीचे आ रहा हूँ

(nextPage)

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❤ Wasim Barelvi ki Shayari ❤

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कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है

ये सलीक़ा हो, तो हर बात सुनी जाती है

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छोटी छोटी बातें करके, बड़े कहाँ हो जाओगे

पतली गलियों से निकलो तो खुली सड़क पर आओगे

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वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था

मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया

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वो मेरी पीठ में खंजर जरूर उतारेगा

मगर निगाह मिलेगी तो कैसे मारेगा?

❤ 2 Line Shayari Wasim Barelvi ❤

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हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं

जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं

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तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते

इसलिए तो तुम्हे हम नज़र नहीं आते

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जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है

उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले

❤ Latest Shayari Wasim Barelvi ❤

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तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊँ

हर शख्स तुम्हारी ही तरफ देख रहा है

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इस दौर-ए-सियासत का इतना सा फ़साना है

बस्ती भी जलानी है, मातम भी मनाना है


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